21 Sept 2016

Story of King Khan


 सर्कस की सीख 
"सर्कस के दिनों में के.एन. सिंह  के बेटे पुष्कर उस सीरियल के चीफ असिस्टेंट थे। एक बार उनके साथ  के.एन. सिंह से मिलने मिलने गया था। तब वे देख नहीं सकते थे। उन्होंने पास बुलाया और मेरे चेहरे को उँगलियों से टटोला। उन्होंने एक ही बात कही ऑब्ज़र्वे ,एब्सॉर्ब एंड टेक इट आउट ऑफ योर सिस्टम व्हेन कॉल्ड अपॉन टू डू सो। (देखो और आत्मसात करो। जब करने के लिए कहा जाए तो अपने सिस्टम से उसे निकालो और उड़ेल दो ) सच कहूँ तो मैं वही करता रहा हूँ। डायरेक्टर के एक्शन बोलते ही अपने अनुभव उड़ेल देता हूँ। "

अलग है मिजाज 
"मेरी सोच थोड़ी सी अलग है। आजाद ख्याल हूँ। बहुत खुले दिमाग का हूँ। अलग किस्म का दिल है मेरा। मैं गलतियां माफ कर देता हूँ तो लोग समझते हैं कि मैं डर गया। मैं संवेदनशील होकर बुरा मान जाता हूँ तो लोग कहते हैं कि मैं डर गया। मैं संवेदनशील होकर बुरा मान जाता हूँ तो लोग कहते हैं कि पता नहीं यह अपने आपको क्या समझता है ?"


जब याद मेरी आए
"मैं चाहूँगा कि लोग मुझे इस बात  के लिए याद रखें कि शाहरुख़ ने कोशिश बहुत की थी।  मेरी कब्र पर लिखा हो -हिअर लाइज शाहरुख़ खान एंड ही ट्राइड (यहाँ शाहरुख़ खान लेटे हैं। उन्होंने बहुत कोशिशें की थीं )मेरी कामयाबी मत गिनो ;कोशिशें गिनों। मेरी कोशिशें ही मेरा हासिल हैं। "

स्टारडम का कवच 
"आरंभिक दो -चार मुलाक़ातों में मैं लोगों को बहुत भाता हूँ। मैं अमूमन बदतमीजी नहीं करता। बहुत प्यार से मिलता हूँ। लोगों को लगता है कि इतना बड़ा स्टार होकर भी इतना विनम्र है ?फिर कुछ मुलाक़ातें हो जाती हैं तो उन्हें लगने लगता है कि मैं एक्टिंग करता हूँ। तीसरे फेज में मैं लोगों को अनरियल लगने लगता हूँ। मुझे भी ऐसा लगता है कि जब लोग मेरे बहुत करीब आ जाते हैं तो मेरा और उनका तालमेल नहीं रह जाता। स्टारडम का कवच किसी को भी मेरे करीब नहीं आने देता। "

अकेला होने पर मैं किताबें पढ़ता हूँ। मेरी आत्मकथा अभी तक पड़ी हुई है। काफी लिखी जा चुकी है। अभी भी लिख रहा हूँ।

अगर चोटी पर हूँ तो अकेला हूँ। अभी बातें चल रही हैं कि नीचे आ गया हूँ। यह एक तरह से अच्छा ही है। दो चार लोग साथ में मिल जाएंगे। मजाक छोडें असल ज़िन्दगी में मैं निहायत अकेला हूँ। फिल्मों में काम करते -करते कहीं पर बेसिक और नार्मल ज़िंदगी से मेरा टच खत्म हो गया है। शायद वक़्त की कमी से रिश्ता बनाना नहीं आता। मुझे लगता है कि मेरा एक गाना मेरी ज़िंदगी का बयान करता है -मुझसे लायी भी नहीं गई और निभायी भी नहीं गयी। मैं तोड़ भी नहीं पाता ,जोड़ भी नहीं पाता। मैं चार दोस्तों के साथ मिमिलकर हँसता -खेलता नहीं। मैं इन चीजों को मिस करता हूँ।
















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